भारत, अपने इतिहास और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए हमेशा ही विदेशियों के आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां कुछ महत्वपूर्ण विदेशी यात्रियों की सूची दी गई है, जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा किया और इसे अपने लेखों में स्थान दिया।
“भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति से प्रभावित हुए विदेशी यात्रियों जैसे मेगास्थनीज, फाह्यान, ह्वेन सांग और अन्य के सफर को जानिए। प्रतियोगी परीक्षाओं और इतिहास प्रेमियों के लिए खास जानकारी!
यहाँ जानकारी को हिंदी में तालिका रूप में और शॉर्टकट ट्रिक्स के साथ प्रस्तुत किया गया है:
भारत के विदेशी यात्री – तालिका रूप में
नाम | समयकाल | शासनकाल |
---|---|---|
मेगास्थनीज | 304–298 ईसा पूर्व | चंद्रगुप्त मौर्य |
फाह्यान | 399–414 ईस्वी | चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) |
ह्वेन सांग | 630–645 ईस्वी | हर्षवर्धन |
इत्सिंग | 671–695 ईस्वी | हर्षवर्धन के बाद का समय |
अल-मसूदी | ~915 ईस्वी | महिपाल (गुर्जर-प्रतिहार वंश) |
अल-बरूनी | 1024–1030 ईस्वी | महमूद गजनवी के साथ भारत आया |
इब्न बतूता | 1333–1347 ईस्वी | मोहम्मद बिन तुगलक |
मार्को पोलो | 1292–1294 ईस्वी | पांड्य वंश (कुलशेखर, मदुरै) |
अब्दुल रज्जाक | 1443–1444 ईस्वी | देव राय II (विजयनगर साम्राज्य) |
डोमिंगो पेस | 1520–1522 ईस्वी | कृष्णदेव राय (विजयनगर साम्राज्य) |
सर थॉमस रो | 1615–1619 ईस्वी | जहांगीर |
पीटर मुंडी | 1630–1634 ईस्वी | शाहजहां |
निकोलो मनुच्ची | 1656–1717 ईस्वी (~) | शाहजहां से औरंगज़ेब व दारा शिकोह तक |
शॉर्टकट ट्रिक्स याद करने के लिए:
- मौर्य राजवंश शुरुआत:
मेगास्थनीज को चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल से जोड़ें – मौर्य और मेगास्थनीज दोनों ‘M’ से शुरू होते हैं। - गुप्त काल की समृद्धि:
फाह्यान ने समृद्ध और शांतिपूर्ण गुप्त साम्राज्य का दौरा किया – फाह्यान = गुप्त के ‘फैक्ट्स’। - हर्ष के शासनकाल में शांति:
ह्वेन सांग, एक बौद्ध तीर्थयात्री, हर्ष के शासनकाल के दौरान आए – ह्वेन सांग = हरिश्चंद्र की तरह शांतिप्रिय। - हर्ष के बाद:
इत्सिंग हर्षवर्धन के बाद आए – ‘I’ हर्ष के ‘H’ के बाद आता है। - गुर्जर-प्रतिहार काल:
अल-मसूदी को महिपाल से जोड़ें – ‘M’ और ‘P’ क्रम में आते हैं। - गजनवी के साथ:
अल-बरूनी महमूद गजनवी के साथ आए – बरूनी और गजनवी में तुकबंदी है। - तुगलक का दौर:
इब्न बतूता मोहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में आए – बतूता = बहादुर तुगलक। - पांड्य साम्राज्य:
मार्को पोलो पांड्य वंश के तहत आए – पोलो और पांड्य दोनों ‘P’ से शुरू होते हैं। - विजयनगर साम्राज्य:
अब्दुल रज्जाक और डोमिंगो पेस कृष्णदेव राय के शासनकाल के दौरान आए – विजयनगर = विदेशी यात्रियों का आकर्षण। - मुगल साम्राज्य:
थॉमस रो, पीटर मुंडी, और निकोलो मनुच्ची की यात्रा मुगल साम्राज्य की भव्यता के दौरान हुई – जहांगीर से लेकर औरंगज़ेब तक।
मेगास्थनीज (Megasthenes)
समय: 304–298 ईसा पूर्व
किसके शासनकाल में: चंद्रगुप्त मौर्य
फाह्यान (Faxian)
समय: 399–414 ईस्वी
किसके शासनकाल में: चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)
ह्वेन सांग (Xuanzang)
समय: 630–645 ईस्वी
किसके शासनकाल में: हर्षवर्धन
इत्सिंग (I-Tsing)
समय: 671–695 ईस्वी
किसके शासनकाल में: हर्षवर्धन के बाद का समय
अल-मसूदी
समय: 915 ईस्वी के आस-पास
किसके शासनकाल में: महिपाल (गुर्जर प्रतिहार वंश)
अल-बरूनी (Al-Biruni)
समय: 1024–1030 ईस्वी
किसके शासनकाल में: महमूद गजनवी के साथ भारत आया
इब्न बतूता (Ibn Battuta)
समय: 1333–1347 ईस्वी
किसके शासनकाल में: मोहम्मद बिन तुगलक
मार्को पोलो (Marco Polo)
समय: 1292–1294 ईस्वी
किसके शासनकाल में: पांड्य वंश (कुलशेखर, मदुरै)
अब्दुल रज्जाक
समय: 1443–1444 ईस्वी
किसके शासनकाल में: देव राय II (विजयनगर साम्राज्य)
डोमिंगो पेस
समय: 1520–1522 ईस्वी
किसके शासनकाल में: कृष्णदेव राय (विजयनगर साम्राज्य)
सर थॉमस रो
समय: 1615–1619 ईस्वी
किसके शासनकाल में: जहांगीर
पीटर मुंडी
समय: 1630–1634 ईस्वी
किसके शासनकाल में: शाहजहां
निकोलो मनुच्ची
समय: 1656–1717 ईस्वी (लगभग)
किसके शासनकाल में: शाहजहां से लेकर औरंगज़ेब व दारा शिकोह के काल तक सक्रिय
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